मकानों का किराया 1 साल में 70 फीसदी बढ़ा
30 लाख के मकान बनना बंद, एक करोड़ के मकान खरीदने वालों की लाइन
मुंबई (ब्यूरो)। देश भर में पिछले दो साल में जहां मकान खरीदना महंगा हो गया है तो वहीं किराये के मकानों में भी रहना महंगा होता जा रहा है। सात महानगरों के अलावा 14 अन्य शहरों में एक साल में किरायों में 70 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है। इसके चलते सबसे ज्यादा परेशान वे युवा हो रहे है जो अपनी नई नौकरियों के कारण इन शहरों में पहुंच रहे है। दो बेडरूम हाल का किराया 43 हजार से लेकर 62 हजार तक हो गया है। यानि एक युवा किसी भी मकान को नहीं ले सकता है। 4 से 5 युवा एक साथ रहने को मजबूर हो रहे है। दूसरी ओर तीस लाख तक के मकान नहीं बिक रहे है। एक करोड़ से ज्यादा के मकानों के लिए लाइन लगी हुई है।
नाइक फ्रेंक की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में इस साल एक करोड़ से ज्यादा के मकानों की बिक्री 43 प्रतिशत तक बढ गई है वहीं मुंबई में 2 बेडरूम हाल का किराया 62 हजार रुपए तो दिल्ली के गुुरु ग्राम में 43 हजार रुपए के पार हो गया है, वहीं दूसरे क्रम के शहरों में यह किराया 25 हजार के पार हो गया है। पहले मकानों के किराये 5 से 10 प्रतिशत तक बढ रहे थे। मध्यमवर्ग के परिवारों को इस कारण सबसे ज्यादा संकट हो रहा है, क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा किरायों के मकानों में जीवन बसर कर रहे है।
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ऐसे में इन मकानों का किराया दिया जाना मुश्किल हो रहा है और कई लोग शहर के बाहरी क्षेत्रों में सस्ते मकान तलाश रहे है। इन सभी का जीवन बेहद कठिन होता जा रहा है। एक ओर जहां पिछले तीन सालों में मध्यमवर्ग के युवाओं के वेतन में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि तकनीकी क्षेत्र में हो रही है तो दूसरी ओर उन्हें अब किराये के मकान महंगे पड़ रहे है, क्योंकि कुल वेतन का आधा हिस्सा पढाई में किश्त में और आधा हिस्सा किराये पर जा रहा है। House rent increased by 70 percent in one year कई युवा मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलूरु में 50 से 60 किलोमीटर दूर के मकान तलाश रहे है। ऐसे में जहां किराये के मकानों की भारी कमी होती जा रही है वही सस्ते मकान भी अब पुरी तरह खत्म हो गए है। कई युवा गंदी बस्तियों में सस्ते मकान मेट्रो शहरों में ढूंढ रहे है।