इन्दौर के सांसद चुप क्यों, भोपाल के सांसद ने अपनी ताकत दिखाई

सवा लाख लोगों पर पड़ेगा अतिरिक्त भार, इन्दौर में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी

Why is Indore MP silent, Bhopal MP shows his strength?
Why is Indore MP silent, Bhopal MP shows his strength?

इन्दौर। जमीनों के नए भाव को लेकर राजधानी भोपाल में जहां मामला फिलहाल टल गया है, वहां सांसद ने आपत्ति लेते हुए अपनी ताकत दिखाई और केंद्रीय मूल्यांकन समिति कोई निर्णय नहीं पाई वहीं व्यासायिक राजधानी इन्दौर में सांसद की चुप्पी से लोग नाराज हैं और जल्द नई गाइडलाइन लागू भी हो जाएगी। यहां 30 प्रतिशत तक गाइडलाइन बढ़ी है। सवा लाख से अधिक लोगों पर इसका असर पड़ेगा। एक रजिस्ट्री पर 3 लाख रूपये तक अतिरिक्त खर्च आएगा। समिति की बैठक में विधायक भी दूर रहे।

नई गाइडलाइन में तकनीकी खामियंा भी बताई गई हैं। जिले में कुल 470 क्षेत्र जिला मूल्यांकन समिति ने प्रस्तावित किये थे जिसमें केंद्रीय समिति ने मंजूरी दी है और जल्द नई दर लागू हो जाएगी। भोपाल में मूल्यांकन समिति की बैठक में सांसद ने जोरदार तरीके से आपत्ति ली और नई दर को फिलहाल नहीं बढ़ाया गया है। केंद्रीय समिति ने यहां दर लागू नहीं की। जबकि इन्दौर में सांसद शंकर लालवानी की चुप्पी से नागरिक नाराज हैं और कह रहे हैं कि हमारे संासद ने क्येां नहीं आवाज उठाई। इन्दौर में सवा लाख लोगों पर नई गाइडलाइन का असर पड़ेगा और 100 करोड़ से अधिक राजस्व भी पंजीयन विभाग को मिलेगा मगर पैसा तो लोगों की जेब से ही जाएगा। जबकि पहले से ही इन्दौर जिला सबसे अधिक राजस्व सरकार को हर साल देता है।

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इस साल 3077 करोड़ का लक्ष्य दिया गया है। हर साल लक्ष्य से अधिक राजस्व मिलता है। जिले में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक दर से गाइडलाइन बढ़ाई गई है। अधिकतम दर 30 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है। भोपाल के सांसद ने पूरी तरह से जागरूकता दिखाई है मगर इन्दौर में कुछ नहीं कहा गया। इस मामले में सांसद लालवानी को फोन लगाया गया मगर बात नहीं हो पाई।

600 करोड़ अधिक लक्ष्य दिया इस बार

बीते वित्तीय वर्ष में सरकार ने इन्दौर को करीब 2500 करोड़ का लक्ष्य दिया था जो इस बार 3077 करोड़ है। 7 माह में करीब 1500 करोड़ का राजस्व मिल चुका है और दिसंबर माह में फिर रजिस्ट्री मे ंतेजी आएगी। इसके बाद मार्च में सबसे अधिक रजिस्ट्री पूरे साल में होती है। पूरे प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व मिलने के बाद भी यहां कोई राहत नहीं दी गई और जनप्रतिनिधि भी पूरी तरह से चुप हैं। दो मंत्री, 9 विधायक, एक सांसद, एक महापौर में से किसी ने भी आवाज नहीं उठाई और बीच साल में नई गाइडलाइन लागू कर दी गई।

तकनीकी खामियंा हैं नई गाइडलाइन में

जानकारों का कहना है कि जो नई गाइडलाइन बनाई गई है उसमें कई तकनीकी खामियां हैं। जिस जगह पहले से तय गाइडलाइन से अधिक दर में रजिस्ट्री हो रही है उसके आसपास भी बढ़ोत्तरी कर दी गई है। स्टाम्प ड्यूटी भी प्रदेश में सबसे अधिक 4 प्रतिशत तक लगती है। यदि जहंा अधिक दर में रजिस्ट्री हो रही है उसके लिए अलग से गाइडलाइन होना चाहिये। सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में सबसे अधिक दर है। इसके अलावा जो 100 से अधिक नई कॉलोनियंा ली है उनके आसपास भी लोग अधिक दर में रजिस्ट्री करवा रहे हैं। समिति में जनप्रतिनिधियों को नागरिक हित में आपत्ति लेना चाहिये मगर ऐसा नहीं हो रहा है। कई बार विधायकों को बुलाया भी नहीं जाता है। इन्दौर में विधायक महेंद्र हार्डिया समिति में हैं मगर वे पिछली बैठक में नहीं गये। जानकारी के लिए फोन लगाया गया तो श्री हार्डिया ने फोन नहीं उठाया।

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