बैंकों में नकदी का संकट बढ़ा

- यूनियन बैंक में 2 अगस्त को 2.56 लाख करोड़ थे, जो 28 अगस्त को घटकर मात्र 95 हजार करोड़ बचे - कर्ज पर रोक लगेगी

Cash crisis increases in banks
Cash crisis increases in banks

मुंबई (ब्यूरो)। रिजर्व बैंक के लगातार बैंकों को आगाह करने के बाद भी बैंकों में नकदी की भारी कमी होती जा रही है। दूसरी ओर कर्ज देने वाले तमाम बैंक बाजार से 9 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज कर्ज देने के लिए उठा चुके हैं। बैंकों में जहां जमा घटकर 11 प्रतिशत से नीचे पहुंच गया है वहीं कर्ज की रफ्तार 14 प्रतिशत को पार कर गई है। अब इसका असर बैंकों पर दिखने लगा है। हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगस्त महीने की रिपोर्ट में आरबीआई को भी चिन्ता में डाल दिया है, जहां 2 अगस्त को बैंकिंग प्रणाली में नकदी दो लाख 56 हजार करोड़ थे वह 28 अगस्त को घटकर मात्र 95 हजार करोड़ पर सिमट गया है। इधर एसबीआई भी जहां कर्ज देने की ब्याज दरें बढ़ा रहा है वहीं जमा को भी बढ़ाने को लेकर अब ब्याज दरें बढ़ानी पड़ रही है।

देश में इन दिनों बैंकों में छोटी बचतें धीरे-धीरे समाप्त होने के बाद अब बैंकों में नकदी का बड़ा संकट पैदा होता जा रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले 6 माह में बैंकों में नकदी की भारी कमी देखने को मिलने लगेगी। दूसरी ओर अभी भी बैंकों में बोर्ड लगाए जा रहे हैं कि 5 लाख रुपए से ज्यादा निकालने के लिए बैंक को एक दिन पहले सूचित करना होगा। अब इसमें भी राशि और कम की जा रही है। वहीं बैंकों में बचतें घटकर 47 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई है, इसे लेकर रिजर्व बैंक पहले ही आगाह कर चुका है। रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया था कि अब लोग बैंकों में पैसा जमा कराने के बजाय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं।

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रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति मेंं भी इसका जिक्र करते हुए यह भी कहा था कि शेयर बाजार में 10 में से 9 निवेशक घाटे में जा रहे हैं। बैंकों में जहां जून माह में ही कर्ज की रफ्तार 14 प्रतिशत से ज्यादा हो गई थी वहीं नकदी जमा होना लगातार कम होकर 10 प्रतिशत के पार पहुंच गया था। वहीं देश में सोने पर भी कर्ज उठाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।  Cash crisis increases in banks

इस साल 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सोना गिरवी रखकर कर्ज उठाया गया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ सालों में यह कर्ज 15 लाख करोड़़ रुपए को पार कर जाएगा। इधर देशभर में बैंकों में लगातार कर्ज की मांग बढऩे के बाद बैंकों ने बाजार से बांड जारी करने के साथ ही अन्य माध्यमों से 9.32 लाख करोड़ रुपए उठा लिए हैं।

कर्ज की यही रफ्तार रही तो बैंकों को आने वाले समय में कर्ज देने पर भी लगाम कसनी पड़ेगी। इधर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की जारी की गई ताजा रिपोर्ट में अगस्त माह को लेकर बताया गया है कि 2 अगस्त को बैंकिंग प्रणाली में उनके पास नकदी 2.56 लाख करोड़ थी वही 16 अगस्त को घटकर यह 1.55 लाख करोड़ हो गई और 28 अगस्त को यह 95 हजार करोड़़ पर आ गई, जो बैंक के लिए चिन्ता का कारण भी है। बैंक आने वाले समय में कर्ज देने पर भी रोक लगा सकती है।

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