देशों पर बढ़ते कर्ज से आने वाली है बाजार में ऐतिहासिक गिरावट, मंदी
कई दिग्गज अपने शेयरों को बेचकर जमा कर रहे हैं नकदी
वॉशिंगटन। दुनियाभर के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट आने वाली है। इसी के साथ कर्ज में डूूबे हुए देशों में मंदी का बड़ा दौैर भी देखने को मिलेगा। इसी के चलते बड़ी मात्रा में विदेशी निवेशकों नकद जमा करना शुरू किया है। विश्व के तीसरे अरबपति वारेन बफे ने भी शेयर बाजार में अपने शेयरों को बेचकर 277 अरब रुपए नकद कर लिए हैं। ऐसे ही कई बड़े कारोबारी शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं। आने वाली गिरावट ऐतिहासिक होगी, जो कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ देगी।
दिग्गज अमेरिकी निवेशक जिम रोजर्स ने कहा इसका कारण देशों के बीच तनाव और भारत सहित सभी प्रमुख देशों पर भारी-भरकम कर्ज है। भारत अपनी क्षमता से ज्यादा कर्ज उठा चुका है। अब उसे बड़ी राशि कर्ज चुकाने के लिए भी लेनी होगी। मैं बहुत ज्यादा नकदी लेकर बाजार की भारी गिरावट का इंतजार कर रहा हूं। जिम रोजर्स ने कहा, अमेरिका सहित दुनिया में लंबे समय से समस्या बनी हुई है। मुझे उम्मीद है कि अगली बिकवाली मेरे जीवनकाल की सबसे खराब होगी। मैं इस पतन के आने का इंतजार कर रहा हूं, क्योंकि मैं जानता हूं कि यह बहुत बुरा होने वाला है। ऐसे में निवेशकों को इस समय अपने पास नकदी रखने की जरूरत है।
जिम रोजर्स को गंभीर वित्तीय पतन की आशंका है। इसी कारण बफे की बर्कशायर हैथवे ने भी शेयरों को बेचकर 277 अरब डॉलर की नकदी रखी है। बफे के साथ भारतीय म्यूचुअल फंड सहित शीर्ष निवेशकों ने भी बाजार में उथल-पुथल की आशंका को देखते हुए शेयरों की बिक्री कर नकदी रख लिया है। रोजर्स ने सुझाव दिया कि छोटे निवेशकों को यह देखना चाहिए कि बड़े निवेशक कैसे पहले ही शेयरों को बेचकर नकदी जुटा रहे हैं। बफे ने बाजार में आने वाली मुश्किलों को पहले ही भांप लिया। भारतीय म्यूचुअल फंडों के पास जून तक 1.52 लाख करोड़ रुपये की नकदी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि संभावित गिरावट को देखते हुए इस समय सतर्क रहें।