बैंकों में घबराहट, नए कर्ज देने की गति धीमी

वित्त मंत्री ने कहा जमा बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोजें

Panic in banks, pace of giving new loans slows down
Panic in banks, pace of giving new loans slows down

मुंबई (ब्यूरो)। रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों में लगातार कम हो रही जमा को लेकर बैंकों को निर्देश दिए हैं कि बैंक अपने यहां जमा राशि बढ़ाने के लिए नए मार्ग तलाशें। दूसरी ओर बैंकों में बढ़ रही कर्ज की मांग के कारण कई बैंक अब नए कर्ज देने से कतरा रही हैं। एचडीएफसी का जमा इतना कम हो गया है कि बैंक को बेचने के प्रयास शुरू हो गए हैं। दूसरी ओर स्टेट बैंक सहित कई बैंक पहले ही महंगी ब्याज दरों पर पैसा बांड जारी कर उठा चुके हैं। बजट में इस बार एफडी पर सरकार द्वारा लिए जा रहे टैक्स को समाप्त करने के लिए बैंकों ने वित्त मंत्री से आग्रह किया था परंतु इसका बजट में कोई प्रावधान नहीं होने के बाद बैंकों में जमा और तेजी से नीचे आने लगा है।

वित्त मंत्री ने अब बजट के बाद बैंकों को अपने स्तर पर मुख्य कामकाज पर ध्यान देने के निर्देश देते हुए बैंकों तक जमा लाने के लिए नए प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार 28 जून तक जहां बैंकों में जमा 47 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसमें मात्र 11.3 प्रतिशत की वृद्धि ही हुई है जबकि कर्ज उठाने की रफ्तार बढ़कर 17.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो जमा से काफी आगे निकल गई है।

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ऐसे में कई बैंकों ने अब कर्ज की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है वहीं सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति एचडीएफसी बैंक की हो गई है जहां कर्ज बढऩे के साथ अब जमा राशि धीरे-धीरे इतना घट गया है कि बैंक को अपने खर्चे चलाने के लिए भी दिक्कत हो रही है। दूसरी ओर इस बजट में सभी बैंकों ने सरकार से आग्रह किया था कि वृद्ध लोगों के जमा पर 25 हजार रुपए की एफडी पर टैक्स लेना समाप्त कर दिया जाएगा तो बैंकों में जमा तेजी से बढ़ेगा परंतु सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। इसके चलते आने वाले समय में बैंकों में नकदी का भारी संकट देखने को मिलने लगेगा।

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