500 स्कूलों पर ताले लगे

मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों को नहीं मिल रहे विद्यार्थी, अभिभावकों का मोह भंग

500 schools locked
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भोपाल (ब्यूरो)। मध्यप्रदेश में एक तरफ तो सरकार जहां सीएम राइज स्कूल बनाने पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि इन स्कूूलों में पढऩे वाले बच्चे नहीं मिल रहे हैं। अभिभावकों का भी सरकारी स्कूलों से मोह भंग हो चुका है जिसके कारण 500 से ज्यादा स्कूलों पर ताले लग गए हैं वहीं 400 से ज्यादा शिक्षकों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है। इसका कारण यह भी है कि सरकारी के बजाय निजी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई होने के साथ विद्यार्थियों को सुविधाएं भी मिल रही है।  500 schools locked

बताया जाता है कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों के 359 शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से दूरसे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया है। जो शिक्षक काउंसलिंग में नहीं पहुंचे है, उनकी विभाग प्रशासकीय आधार पर पदस्थापना करेगा। प्रदेश के जिलों में 482 स्कूल ऐसे है, जो शून्य नामांकन यानि बिना विद्यार्थियों वाले हैं। इस वल इन स्कूलों में एक भी विद्यार्थी ने प्रवेश नहीं लिया नामांकन वाले शिक्षकों की पदस्थापना है।

स्कूल शिक्षा शिक्षकों को चिंहित करते हुए इन्हें कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिफ्ट किया है। इसे लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने जिलों में डीईओ के माध्यम से काउंसलिंग आयोजित कर शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिफ्ट कर दिया है। 500 schools locked

इसके साथ ही विभाग ने स्पष्ट कहा है कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों के जो शिक्षक काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें विभाग प्रशासकीय आधार पर अन्य स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह स्कूल अब क्रियाशील नहीं रहेंगे। भविष्य में क्षेत्र में लोग विद्यार्थियों का प्रवेश कराना चाहेगे, तो इन्हें दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

यह है प्रदेश की स्थिति

प्रदेश के शून्य नामांकन वाले स्कूली की संख्या 482 है। इनमें 359 शिक्षकों की पदस्थापना है। इसमें पहली से पांचवी तक 452 स्कूल है, इनमें 290 शिक्षकों की पदस्थापना है। वहीं छतवी से आठवी तक 24 स्कूल है। इसमें 15 शिक्षकों की पदस्थापना है। जबकि पहली से आठवी तक 16 स्कूल है। इसमें 54 शिक्षकों की पदस्थापना है। भोपाल जिले के चार स्कूलों में आठ शिक्षक पदस्थ थे।

इसमें प्राथमिक शाला बाल विहार, खुजाखेड़ी बैरसिया, अनुजा विलेज रतनपुर व परवलिया संकुल अंतर्गत पृथ्वीपुरा स्कूल शामिल है। इनकी गुरुवार को दूसरे स्कूलों में काउंसलिंग के माध्मय से पदस्थापना की गई है। ग्वालियर में 16, इंदौर में दो व जबलपुर में तीन शिक्षकों की पदस्थापना थी।

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70 हजार शिक्षकों की कमी अतिथि शिक्षकों की होगी भर्ती

स्कूलों में 70 हजार पद खाली है। इन पदों को भरने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू होगी। अतिथि शिक्षक द्वारा जीएफएमएस पोर्टल पर ज्वाइनिंग दर्ज करना व शाला प्रभारी से प्राप्त सत्यापित ज्वाइनिंग पत्रक की छायाप्रति अपलोड करने की तिथि 1 अगस्त से 7 अगस्त तक रहेगी। शाला प्रभारी अतिथि शिक्षकों का प्रमाणीकरण 1 से 7 अगस्त तक करेंगे।

इस बार तीस फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले अतिथि शिक्षकों को दोबारा नहीं रखा जाएगा। मप्र में सरकारी स्कूलों की संख्या 1 लाख 22 हजार है और विद्यार्थियों की संख्या एक करोड़ 10 लाख है। शिक्षकों के स्वीकृत पदों की संख्या तीन लाख 16 सी 20 है। शिक्षकों के कार्यरत पदों की संख्या दो लाख 26 हजार 234 है। पांच साल में नियुक्त शिक्षकों की संख्या 26 हजार है।

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