पूरा शहर गोलू परिवार मय, भोले भी पहुंच गये चरणों में

होर्डिंग्स से अब दीपेन्द्र नदारद, लेटरपेड से भी नाम हटा

इंदौर। क्षेत्र क्रमांक ३ के सनातनी विधायक गोलू शुक्ला की कावड़ यात्रा को लेकर पूरे शहर में होर्डिंग लगाये गये हैं। इसमे गोलू शुक्ला के साथ उनके परिवार के फोटो ही कई जगह दिखाई दे रहे हैं। तो दूसरी ओर इस बार होर्डिंग्स से गोलू शुक्ला के खास सिपहसालार का मुखड़ा गायब हो चुका $है। एक अनुमान के अनुसार पूरे शहर में दो हजार से ज्यादा होर्डिंग छोटे बड़े लगाये गये हैं। ऐसा कोई मार्ग नहीं बचा है जिस पर उनकी कावड़ यात्रा के स्वागत के फोटो नहीं लगे हुए हैं। इधर एक होर्डिंग को लेकर विवाद शुरु हो गया है जिसमे गोलू शुक्ला के घुटनों पर भगवान भोलेनाथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने भी मोर्चा खोला है।

कावड़ यात्रा को लेकर सैंकड़ों की संख्या में इंदौर में पोस्टर लगे हैं। कई जगह गोलू के आदमकद पोस्टर लगाए गए हैं, वहीं जिनके लिए कावड़ यात्रा निकाली जा रही है भगवान भोलेनाथ के लिए उनकी फोटो छोटी है। सावन के महीने में हर साल कावड़ यात्रा निकालने वाले इंदौर विधानसभा तीन के विधायक गोलू शुक्ला विवादों में आ गए हैं। इस यात्रा के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाने से वह पहले से ही सभी के निशाने पर है। पूरे शहर को धता बताते हुए पोस्टर से रंग दिया और नगर निगम ने चुप्पी साधे हुए हैं।

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वहीं भगवान भोलेनाथ को लेकर लगाए गए पोस्टर को लेकर विवाद हो गया है। शहर के कई मार्गों पर लगे यूनीपोल पर भी उनके होर्डिंग लगे हैं। इधर नगर निगम का कहना है कि इस मामले में कोई अनुमति नहीं ली गई है। दूसरी ओर कावड़ यात्रा को लेकर सैंकड़ों की संख्या में इंदौर में पोस्टर लगे हैं। कई जगह गोलू के आदमकद पोस्टर लगाए गए हैं, वहीं जिनके लिए कावड़ यात्रा निकाली जा रही है भगवान भोलेनाथ के लिए उनकी फोटो छोटी है। इसमें आपत्तिजनक यह है कि भगवान भोलेनाथ का फोटो गोलू के पोस्टर के चरणों में साफ दिख रही है। इसे लेकर कांग्रेस के नेता पिंटू जोशी ने भी तंज कसा है कि वे अब भोलेनाथ से बड़े हो गये हैं। golu shukla kawad yatra poster vivad

दूसरी ओर अभी तक गोलू शुक्ला की परछाई बनकर चलने वाले दीपेन्द्र सोलंकी इस बार होर्डिंग से पूरी तरह गायब हो चुके हैं क्योंकि कई होर्डिंग गोलू शुक्ला के परिजनों ने ही लगाये हैं जिसमे उनके खुदके फोटो लगे हुए हैं। इधर गोलू शुक्ला के लेटरपेट पर जहां पहले दीपेंद्र सोलंकी का मोबाइल नंबर और नाम हुआ करता था उसे भी हटा दिया गया है। दीपेंद्र सोलंकी को लेकर कार्यकर्ताओं की बड़ी शिकायत यह थी कि वह फोन नहीं उठाते हैं और जब मिलने जाओं तो मिलते नहीं है।

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