उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने को लेकर राजनीतिक भूचाल
नई दिल्ली (ब्यूरो)। श्रावण महीने में निकलने वाली कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कावड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों के नाम और मोबाइल नंबर लिखने के आदेश को लेकर राजनीतिक भूचाल आ गया है। जेडीयू, आरएलडी सहित कई दलों ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कई नेताओं ने कहा कि यह नई परंपरा ठीक नहीं है, हम इसका विरोध करते हैं।
कावड़ यात्रा में सभी धर्म के लोग सहयोग करते हैं।सहारनपुर रेंज के डीआईजी अजय साहनी ने कांवड़ यात्रा के मार्ग की सभी दुकानदारों के नाम और मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है। दुकानदारों ने इसका पालन शुरू कर दिया है। उधर, मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती ने आदेश को भाईचारे का माहौल बिगाडऩे वाला बताया। वहीं एनडीए सरकार में शामिल घटक दलों ने भी उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के आदेश का घोर विरोध करते हुए इसे तत्काल वापस लेने को कहा है वहीं भाजपा के ही पूर्व मंत्री रहे मुख्तार अब्बास नकबी ने इसका तीखा विरोध किया है। names of shopkeepers written on the Kanwar Yatra route.
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे की याद दिलाई है। कहा, हिंदू और मुस्लिम मिलकर कांवड़ यात्रा निकलवाते हैं। नई शुरूआत नहीं होने देंगे। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और मुजफ्फरनगर से सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने नई व्यवस्था पर नाराजगी जताई है।
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कांवड मार्गों की सभी दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखने का आदेश
डीआईजी ने मंडल के जिलों सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर में कांवड मार्गों की सभी दुकानों पर दुकानदारों के नाम लिखने का आदेश दिया था। इससे पूरे मार्ग पर लगी दुकानों में हिन्दू-मुसलमान के कारोबार दिखने लगे थे। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह ने यात्रा शुरू होने से पहले खाद्य सामग्री की दुकानों और फलों की ठेलियों पर दुकानदारों को अपने नाम प्रदर्शित करने के निर्देश दिए थे।
मामले के तूल पकडऩे के बाद एसएसपी ने कहा कि पूर्व में कई बार ऐसे हालत सामने आए हैं, जब कांवड़ मार्ग की दुकानों के नाम को लेकर कांवडिय़ों में भ्रम व कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई। आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा कि जिसका नाम गुड्ड, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा। names of shopkeepers written on the Kanwar Yatra route.
पूर्व सीएम मायावती ने भी कहा कि नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है, इसे वापस लिया जाए। डीआईजी अजय साहनी ने कहा कांवड़ मार्गों के होटल व ढाबों आदि पर रेट लिस्ट के साथ मालिक का नाम लिखा होना चाहिए, जिससे मालिक की स्पष्ट पहचान हो और विवाद की स्थिति न बने। तीनों जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ज्ञात रहे पहले कई बार कावड़ यात्रियों पर हमले हो चुके हैं और विवाद की भी नौबत आती रही है।