झोलाछाप डॉक्टरों दिखे तो जाएंगे सीधे जेल

प्रशासन शुरू करेगा धरपकड़ अभियान

इंदौर। झोलाछाप डॉक्टरों के उपचार से कई मरीजों की जान तक चली जाती है। स्वास्थ्य विभाग की नजर बचाकर कई चिकित्सक अपनी दुकान चला रहे हैं। अब ऐसे डॉक्टर शासन की कार्रवाई से बच नहीं सकेंगे। शासन ने तय किया है कि झोलाछाप डॉक्टर अपना कारोबार समेट ले, अन्यथा उन्हें पकड़कर जेल की हवा खिलाई जाएगी। शासन के आदेश के बाद प्रशासन भी धरपकड़ अभियान शुरू करने जा रहा है।

प्रदेश में अब झोलाछाप डॉक्टरों की खैर नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार इन डॉक्टरों को लेकर एक्शन मोड में आ गई है, जिसके तहत सभी कलेक्टर व सीएमएचओ को फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।

प्रदेशभर में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किए जाने इलाज से होने वाली रोगियों की मृत्यु दर को रोकने के लिए मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गए आदेश के बाद मोहन सरकार ने भी सख्ती दिखाते हुए जिले के सभी कलेक्टर एवं सीएमएचओ को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने जिलों में ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करें, जो किसी भी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से बगैर डिग्री लिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

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अब ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों के संस्थानों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाएगा। वहीं ऐसे फर्जी डिग्रीधारी चिकित्सकों जो गली मोहल्लों में बगैर पंजीयन के क्लिनिक खोल कर मरीजों के इलाज के नाम पर उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

समय-समय पर की जाती है कार्रवाई-झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाती है। जांच के लिए एक टीम बनी हुई है, जो समय-समय पर कार्रवाई भी करती है।
बीएस सैत्या, सीएमएचओ

क्या है आदेश

राज्य सरकार ने आदेशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जो लोग निजी चिकित्सकीय स्थापनाओं के पंजीयन के बगैर अमान्यता प्राप्त क्लिनीक पर रोगियों का अनुचित उपचार कर रहे हैं, जो रोगियों के लिए प्राणघातक सिद्ध हो रहा है। सही उपचार के अभाव में कई रोगियों की मृत्यु तक हो जाती है। गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर तुरंत कार्रवाई कर ऐसे लोगों पर धारा 7 ग के उल्लंघन के तहत प्रकरण दर्ज करवाया जाए। इसके तहत 3 साल के कारावास या 50 हजार रुपए तक के अर्थदंड से दंडित किया जाए।

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