परिवारों ने 24 लाख करोड़ का सोना गिरवी रखा
मध्यमवर्गीय परिवार आवश्यकताओं के लिए रख रहे हैं घर का सोना गिरवी
मुंबई (ब्यूरो)। देश में तेजी से सोना गिरवी रखकर कर्ज उठाने वालों की संख्या बढऩे के कारण अब रिजर्व बैंक ने इस पर निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं। गोल्ड लोन की मांग इतनी तेजी से बढ़ी है कि उसने क्रेडिट कार्ड के कर्ज को भी पीछे छोड़ दिया है। गोल्ड लोन का सालाना बाजार छह लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह कुल गिरवी रखे गये सोने का मात्र 35 प्रतिशत है बाकि 65 प्रतिशत सोना स्थानीय स्तर पर गिरवी रखा जा रहा है। जो 18 लाख करोड़ से ज्यादा का होता है। Families mortgaged gold worth Rs 24 lakh crore
सोना गिरवी रखने को लेकर पिछले दो सालों में मध्यमवर्गीय परिवारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि वेतन में कमी के साथ ही लगातार महंगाई और अन्य खर्चे बढऩे से अब सोना गिरवी रखकर कामकाज को किया जा रहा है।
कई परिवारों ने बच्चों की फीस भरने को लेकर भी सोना गिरवी रखा है दूसरी ओर रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोना गिरवी रखने का कारोबार छह लाख करोड़ तक पहुंचा है इसमे 80 प्रतिशत सोना बैंकों में गिरवी रखा गया है।
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सोने चांदी के कारोबारियों के यहां गिरवी रखकर महंगे ब्याज पर पैसा उठा रहे
जबकि बीस प्रतिशत सोना गोल्ड गिरवी रखकर कर्ज देने वाली समानांतर बैंकों (एनबीएफसी) द्वारा दिया गया है। यह रिजर्व बैंक के अनुसार यह देश में रखे गये गिरवी सोने का मात्र 35 प्रतिशत ही है जबकि कई परिवार बैंकों के बजाए स्थानीय साहूकारों और सोने चांदी के कारोबारियों के यहां गिरवी रखकर महंगे ब्याज पर पैसा उठा रहे हैं। Families mortgaged gold worth Rs 24 lakh crore
इनकी संख्या 65 प्रतिशत बताई जा रही है। देश में एक आंकलन के अनुसार 24 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना घरों से निकलकर बैंकों और साहूकारों के यहां गिरवी रखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मई 2024 तक सोना गिरवी रखकर डिफाल्ट होने वालों की संख्या 29.7 प्रतिशत बढ़कर 1.2 लाख करोड़ के पार हो गई है जबकि क्रेडिट कार्ड में 26 प्रतिशत डिफाल्ट बढ़कर यह 2.67 लाख करोड़ पर पहुंच गया है वहीं बैंकों के कर्ज बढ़कर अब 162.30 लाख करोड़ को पार हो गये हैं।