Sulemani Chai: बिना दर्द का ऑपरेशन….मोर्चे की साढ़े साती…कांग्रेस मे दाढ़ी टोपी
बिना दर्द का ऑपरेशन
वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पटेल जो की सर्जरी मे महारात रखते है। अपनी कार्यशेली से वाकिफ की मंशा और वक्फ के फायदे के लिए नई नई सर्जरी अंजाम दे रहे है। हाल ही मे कृषि भूमि नीलामी का डंडा लेकर पटेल ने जो करतब दिखाया है उससे वक्फ की जमीनो पर सालो से कब्ज़ा जमाने वालों की नींद और चेन काफूर हो चला है। बेचारे नीलामी रुकवाने नीलामी मे शामिल हो रहे है। और आपत्ति के बाद ज़ब डॉ की सर्जरी होती है,तो खुद ही किरायदारी कुबूल कर रहे है। जो जमीन से वक्फ को सालो से कुछ फायदा नही हो रहा वहा से इनकम भी शुरू हो गई साथ ही जो साहब कब्ज़ा जमाये हुवे थे। खुद किरायदार बन गए तो साहब डॉ सनवर पटेल की सर्जरी को इस बार का सुलेमानी सलाम तो बनता है।
मोर्चे की साढ़े साती
बीजेपी के अल्पसंख्यक नेताओं की साढ़े साती खतम होने का नाम ही नही ले रही। एक तरफ बेचारे भाजपा का गुणगान गाते नही थकते दूसरी तरफ उनके बड़े नेता मुस्लिम वोटो की अहमियत का आईना इन्हे बताते रहते है। बेचारे धोभी का कुरता बने फिरते है। अब रही साढ़े साती वाली बात एक तरफ कमाल साहब है। जिनके सारे कमाल खुद के लिए ही बेकमाल साबित हो रहे है। दूसरे बड़े पठान है जिनके बड़े बेटे पर गलत रजिस्ट्री के चलते एफ आई आर की तलवार लटकी है, वही छोटे पठान पर एक महिला छत पर कब्जा करने को लेकर थाने पहुंच रही है।एक बड़े नेता पर फर्जी तरिके से संत असराम के बेटे साईं की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। कुल जमा खर्च अभी बीजेपी के अल्पसंख्यक नेताओं को साढ़े साती के लिए कुछ उपाय करना चाहिए, ना करे तो उनकी मर्जी ।
कांग्रेस मे दाढ़ी टोपी
हाल ही मे कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने हाजी नासीर को जिले की कमान सोपी है। इसके पहले भी कोई पद मिला था लेकिन साहब बस होडिंग और विज्ञापनो मे ही लटके मिले बाद मे गुमनामी मे गायब हो गए।अब फिर जिले की कमान ले आये है। लेकिन साहब मुड़ले तक ही सिमित है , और वहा से आगे बड़े तो कुछ बात बने। लतीफ पटेल और अफसर पटेल जरूर इन्हे धक्का लगते रहते है पर साहब की कान की मशीन मे कुछ गरबड़ के चलते सुनते नही खैर हमारी दुवा है की अल्पसंख्यक विभाग दाढ़ी टोपी का ही थोड़ा लिहाज कर ले तो घोड़ा ढाई कोस तो चले।
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