Sulemani Chai: डायमंड गार्डन की चमक से चमक रहे साहब…तबेले से भी निकलेंगे दागदार ठेकेदार
डायमंड गार्डन की चमक से चमक रहे साहब…
इंदौर मे सदर बज़ार ईदगाह के पास वक्फ की बेशकीमती सम्पत्ति पर साहब का वक्फ अलल ओलाद के तहत कब्जा कायम है, पहली बात तो ये है कि उस जमीन और आसपास की जमीन के लिए दो बार मुस्लिम समाज से अस्पताल के लिए अच्छा खासा चंदा लिए गया। पहला बड़े साहब के पास दूसरा छोटे साहब के पास दोनों बार चंदे का अकड़ा करोड़ो मे था। अब साहब समाज का अस्पताल तो बना नहीं एक छोटा सा दवाखाना जरूर खस्ता हालत में है। दूसरी बात बड़े साहब ने डायमंड गार्डन मात्र 25000 हजार रु महीने में अपने जानशीन के हवाले कर रखा है। वो भी बड़े कलाकार है, एक दिन का गार्डन किराया सवा लाख के आसपास वसूलते है, महीने में बीस दिन भी गया तो 2500000 तो साहब जिस वक्फ सम्पत्ति से पच्चीस लाख वसूला जा रहा है वो मात्र पच्चीस हजार मे किराये से दी गई है , और मजेदार बात उस पच्चीस लाख मे से टूटी फूटी मिल्लत पर या वक्फ मे पांच हजार भी खर्च नहीं हो रहा , अब साहब वक्फ के जिम्मेदार डॉ पटेल साहब थोड़ी सर्जरी तो इधर भी बनती है।
तबेले से भी निकलेंगे दागदार ठेकेदार
हाल ही मे बेचारे निगम ठेकेदारों की बरात निकाली जा रही है, दूल्हे तो हाजिर है, एक-एक कर बाराती भी हाजिर हो रहे। काफ़ी सारे जरूल जरुल आना की मनुहार सुनकर भी आना कानी कर रहे है। अब साहब जकारिया कलोनी की सडक को ही ले लीजिये बरात तो वहा से भी यह बेंड के साथ निकली जा सकती है. जिसमे कुछ दाग़ घोड़े ओर बग्गी पर भी लग ही सकते है। खैर उनके पास तो खुद के घर के तीन चार ठेकेदार मौजूद है, उनकी ही जाँच हो जाये तो एकाद बरात इधर से भी निकाली जा सकती है। अब साहब हम तो शिकायत लगा रहे है,(हम तो मजाक कर रहे है हमें दूसरे काम भी तो है ) किसी ओर को लगानी है लगा आये। हम किसी को मना नहीं करेंगे वैसे हमारी सुनेगा भी कौन……
बंद दुकान के चालू पकवान
अल्पसंख्यक नेताओ की दुकान बंद पड़ी है, चाहे वो कांग्रेस के हो या भाजपा मोर्चे के बड़े बड़े पद लाने के बाद भी कोई पुरसाने हाल नही है। ना पार्टी पूछती है ना समाज पर कुछ नेता पार्टी बंदी से हटकर समाज मे रिश्ते बनाने मे कामयाब हुए हैं। जो आपसी तआलुक की बिना पर पद प्रतिष्ठा के मोहताज नही हैं, उनमें एक नाम पठान का भी लिया जा सकता है, जिनसे सभी मेहफूज़ रहना चाहते है। महफूज़ का जन्मदिन सोशल मीडिया पर खूब तेरा। जिसमें सामाजिक लोगो के साथ कांग्रेसियों ने भी पठान की पोस्ट डाली, हालाकि लोगों का कहना है कि भाजपाई तो पठान की पोस्ट इसलिए भी डालते है कि वो गठान जल्दी लगा लेते है।।
दुमछल्ला…
ना खुदा मिला ना विसले सनम। अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता पिछले दो माह से बहुत सुर्खियों मे है, लोक सभा चुनाव में काम करने की वजह से नही, अपनी करतूतों के कारण पार्टी की छवि खराब करने के कारण, लव जिहाद से लेकर,मर्डर से लेकर विधवा से धोखे से शादी और खजराना में बड़े सट्टा संचालित करने मे भी मोर्चा के नेताओ के नाम सामने आए है मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष नासिर शाह मोर्चे की बदनामी से बड़े दुखी है,ये बात ओर है कि वे अब सुधर गए है, पार्टी के बड़े नेताओं को कोस भी रहे है (वाजिब भी है ) कि जब पद देते हैं तो इनका बैकग्राउंड देखते है ना हम से राय लेते है। फिर ऐसे कांड सामने आते है., तो बदनाम सभी होते है। जब मोर्चे अपराधियों को लिया था तो खुलकर विरोध किया था, अब साहब उनका दर्द भी लाजिम है।
गोलू का गोल…
इंदौर की बड़ी वक्फ सम्पत्ति तुकोगंज सरकार मे कर्यपालन अधिकारी गोलू साहब उर्स मे गोल पर गोल मार रहे है. ख़ास बात ये है की ये उन लोगो के मुँह पर जा कर लग रहे है जो कहते थे की उर्स मे हमारी जेब का पैसा खर्च होता है। लेकिन इस बार का उर्स ओर इंतजाम काबिले तारीफ है, कमाल की बात है की इतने खर्च के बाद भी गोलू ने कमेटी के खाते अच्छी खासी रकम जमा करा दी है. तो साहब अच्छे काम के लिए इस बार का सुलेमानी सलाम गोलू साहब के नाम..
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