शहर में तेजी से बढ़ रहा है साइलेंट अटैक , हो रही अचानक मौतें

18 साल से कम के बच्चें भी हो रहे हैं इसके शिकार, बदलती जीवनशैली हार्ट अटैक का कारण: डॉक्टर पौराणिक

Silent attacks are increasing rapidly in the city, sudden deaths are happening.
Silent attacks are increasing rapidly in the city, sudden deaths are happening.

इंदौर। शहर में पिछले कुछ महिनों में हार्ट अटैक से मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं। इनमें न केवल ढलती उम्र, बल्कि कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं। पिछले दो माह का आंकड़ा देखा जाए तो एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत का कारण हार्ट अटैक सामने आया हैं। इनमें 35 साल से 17 साल तक कि कम उम्र के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्टस का कहना हैं कि बदलती जीवनशैली, तनाव का बढ़ता स्तर, अनिद्रा के साथ ही समय पर भोजन न करना इसका सबसे बड़ा कारण हैं।

शहर में दिनों दिन बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों में प्रसिद्ध न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर अपूर्व पौराणीक ने दैनिक दोपहर की टीम को बताया कि डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे अन्य जोखिम वाले कारणों में धूम्रपान सबसे महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही बदलती जीवनशैली, अनिद्रा, पौष्टिक भोजन न करना तथा तनाव बढऩे के साथ ही लाइफ स्टाइल में बदलाव स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी इन दिनों हार्ट पेशेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही हैं।

यह बीमारी पहले 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखी जाती थी, मगर अब 16 साल या इससे भी कम उम्र के बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर पौराणीक आगे बताते हैं कि हमारे देश में आज कल युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ रहा हैं जिसका प्रमुख कारण बढ़ता हुआ मानसिक तनाव है।

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मानसिक तनाव बढऩे के भी कई कारण होते हैं जैसे इन दिनों कॉम्पिटिशन बढऩे के साथ ही स्मोकिंग की हैबिट भी बढ़ गई हैं। स्मोकिंग की प्रवृत्ति बढऩे से भी युवाओं में दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं। वहीं खान-पान भी बदल चुका हैं, जीवनशैली बदल गई हैं, होटलों का खाना जंक फूड खाना भी इसका सबसे बड़ा कारण हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जैसे राजीव श्रीवास्तव, केके व उमेश शर्मा के साथ ही हाल ही में एक 17 साल के बच्चे की मौत इनके उदाहरण हैं। जब डॉक्टर पौराणीक से पूछा गया कि युवा ऐसा क्या करें जो हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारी से बच जाए, तो उनका कहना था कि युवा अपनी जीवनशैली में बदलाव लाए।

जीवनशैली इस तरह की रखें कि हम पौष्टिक आहार ले, तनाव मुक्त रहे, आधे-पौने घंटे का व्यायाम करें चाहे वह किसी भी प्रकार का हो, सबसे अच्छा हैं तेजी से पैदल चले। किसी भी तरह का काम करें मगर वह तनाव मुक्त हो। स्मोकिंग, ब्लड प्रेशर व शुगर जिन युवाओं में हैं उन लोगों को विशेष रुप से ध्यान में रखना होगा कि उसे कंट्रोल में रखें। ऐसे में वह इससे बच सकते हैं।

हार्ट अटैक के लक्षण क्या होते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि तरह-तरह के लक्षण होते हैं, इनमें ज्यादातर तो मरीजों को थोड़ा सा चलने में, छाती या दोनों बाहों में, गर्दन के नीचे ऐसे दर्द जो पहले कभी नहीं होता था। लेकिन अब होने लगा हैं, जो दो से दस मीनिट रहता हैं। ऐसे में आस-पास के किसी बड़े अस्पताल में जाकर तुरंत ईसीजी या टीएमटी करवाएं जिससे पता जाता हैं। इसके साथ ही कुछ और भी जांचे होती हैं। यह जांचे सामान्य तौर पर कम खर्चीली होती हैं।

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