नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्र सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान एक बार फिर आंदोलन पर आमादा हैं। विभिन्न किसान संगठनों ने आज सुबह दिल्ली कूच प्रारंभ कर दिया है। 10 हजार से अधिक ट्रैक्टरों में किसान रवाना हो चुके हैं। हरियाणा बार्डर पर भी रोकने के प्रयास किए गए हैं। इधर दिल्ली में किसान प्रवेश न कर पाएं इसे लेकर इस बार सरकार ने ज्यादा तैयारी करते हुए दिल्ली आने वाले हर मार्ग को सील कर दिया है। वहीं सड़कों पर ट्रैक्टर गतिरोध हटा न सकें, इसे लेकर सड़कों पर कीलें गाड़ दी गई हैं। कंटेनरों में रेती भरकर आडा कर दिया ताकि ट्रैक्टर से उन्हें हिलाया न जा सके। बड़ी तादाद में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। पिछली बार किसान आंदोलन 6 माह से ज्यादा चला था और 600 से अधिक किसानों की मौत आंदोलन के दौरान हुई थी।
आशंका है कि 10000 से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर आज पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली पहुंचेंगे। इसे देखते हुए दिल्ली में हाई अलर्ट हैं। हरियाणा और यूपी से सटी बॉर्डर को सील कर दिया गया। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है। बता दें, किसानों ने कुछ ऐसा ही प्रदर्शन 2020-21 में किया था। किसान संगठन उन्हीं मुद्दों को आगे बढ़ा रहे हैं। सरकार के साथ पिछले दिनों की बैठक में 2020-21 के हिंसक प्रदर्श के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस लेने समेत कई मांगों पर सहमति बन गई थी, लेकिन एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून को लेकर बातचीत अटक गई। केंद्रीय मंत्रियों ने एक कमेटी बनाकर मांगों को हल करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठन इस पर सहमत नहीं हुए। इधर किसान आंदोलन के चलते गुरुग्राम टोल पर सुबह से ही कारों की लंबी कतारें लग चुकी है।
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली चलो मार्च के लिए किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर निकलने लगे हैं. वहीं, किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने शाहदरा बॉर्डर पर भी चौकसी बढ़ा दी है. यहां बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और पुलिस फोर्स भी बढ़ा दी गई है। दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस तैनात है. सबसे ज्यादा चौकसी सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर रखी जा रही है. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि, हमने मुद्दे को सुलझाने और केंद्र सरकार के साथ टकराव से बचने के लिए सोमवार को बैठक के दौरान अपनी पूरी कोशिश की. हमने पांच घंटे तक बैठक में भाग लिया. वे पुलिस भेज रहे हैं और हर जगह पानी की बौछारें कर रहे हैं. वे हरियाणा में किसानों पर अत्याचार कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि पंजाब और हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में बदल दिया गया है.” kisan andolan दिल्ली-सोनीपत का सिंघु बॉर्डर सील है. पंजाब हरियाणा से आने वाले किसानों को यहीं रोका जाएगा. वहीं, दिल्ली-बहादुरगढ़ से सटा टीकरी बॉर्डर भी सील है. तीसरा झरोदा कलां बॉर्डर है, बहादुरगढ़ की तरफ से किसान इसी रूट पर आ सकते हैं. उन्हें इसी बॉर्डर पर रोकने की तैयारी है. यूपी से जो किसान दिल्ली आएंगे उन्हें दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर रोकने की तैयारी है. हरियाणा के फरीदाबाद से आने वाले किसानों को बदरपुर बॉर्डर पर ही रोकने के इंतजाम हैं. नोएडा से सटे दिल्ली के सभी बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं.