इंदौर। यदि आप अपने घरों में चला रहे हैं कारखाना-गोदाम या दुकान, तो समय रहते हो जाइए सावधान। घर के जितने हिस्से में कारखाना-गोदाम या दुकान चला रहे हैं या फिर किराए पर दे रखी है, उसका आपको कमर्शियल टैक्स चुकाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, पैनल्टी और कुर्की की कार्यवाही का सामना भी करना पड़ सकता है। इधर इंदौर विकास प्राधिकरण के भी 5000 ेयूनिट के मामले उलझे, जिनके संबंध में भोपाल प्रस्ताव भेजा गया है। दरअसल, नगर निगम की आर्थिक स्थिति अत्यंत ही बदतर हो चुकी है। आलम यह है कि अफसरों से लगाकर कर्मचारियों को वेतन और पैंशन देने के भी पड़ रहे हैं लाले, इसी के चलते अतिरिक्त कमाई के लिए निगम ने नए प्लान बना डाले। बकाया संपत्तिकर और जल कर वसूलने के साथ ही उन लोगों पर गाज गिराने की तैयारी है, जो अपने घरों में कारखाने या दुकान चलाकर टैक्स आवासीय का भर रहे हैं और इस्तेमाल कमर्शियल कर रहे हैं। इससे, नगर निगम को लाखों रुपए के टैक्स का चूना लग रहा है।
मकान मालिक खुद भी करा सकते हैं असेसमेंट
आवासीय क्षेत्र में यदि व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है तो निगम की पैनल्टी से बचने के लिए मकान मालिक खुद भी अपने कारखाने-गोदाम या दुकान का असेसमेंट करा सकते हैं। इसके लिए भवन स्वामी को निगम मुख्यालय या फिर जोनल आफिस पर पहुंचकर संपत्ति का सैल्फ असेसमेंट कराने के साथ टेक्स में संशोधन भी करा सकते हैं।
5 साल पहले भी हुई थी कवायद, लेकिन सफल नहीं हुई
देखा जाए तो आवासीय भवनों में कारखाने-गोदाम एवं दुकानें संचालित करने वालों के खिलाफ 5 साल पहले भी ऐसी ही कवायद शुरू की गई थी। उस वक्त तत्कालीन निगमायुक्त आशीष सिंह ने आदेश भी जारी किए थे, किन्तु निगम अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते यह सफल नहीं हुई। अब यह देखना अवश्य ही दिलचस्प होगा कि इस बार यह अभियान कितना सफल होता है और निगम के खजाने में कितना पैसा जमा होता है।
जल्द चलाई जाएगी मुहिम, प्लानिंग तैयार
राजस्व विभाग के अफसरों की मानें तो इसकी प्लानिंग भी तैयार कर ली गई है। जिन घरों में कारखाने, गोदाम एवं दुकानें संचालित की जा रही है, उनमें व्यवसायिक क्षेत्र की नपती कर कमर्शियल टैक्स वसूला जाएगा। यदि किसी का मकान 1500 वर्गफीट में बना है और उसमें गोदाम या दुकान 500 वर्ग फीट है तो मकान के 1000 वर्गफीट का आवासीय टैक्स और 500 वर्ग फीट का कमर्शियल (व्यवसायिक) टैक्स वसूला जाएगा। यदि वसूली अभियान के दौरान टेक्स का भुगतान करने में आनाकानी की जाती है तो पांच गुना पैनल्टी लगाने के साथ ही कुर्की की कार्यवाही भी की जा सकती है।
2.50 लाख से अधिक संपत्तियां की गई हैं चिन्हित
आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने वाली ऐसी 2.50 लाख से ज्यादा स]ंपत्तियों को निगम के राजस्व विभाग अधिकारियों ने चिन्हित किया है। इसके लिए सभी 19 जोनल कार्यालयों पर पदस्थ सहायक राजस्व अधिकारियों (एआरओ) और बिल कलेक्टरों को निर्देशित कर दिया गया है। प्रत्येक बिल कलेक्टर को अपने-अपने जोन में आवासीय टैक्स देकर कमर्शियल इस्तेमाल करने वाले 100 लोगों से वसूली करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। अभियान की मानीटरिंग अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा व्दारा की जाएगी।
विकास प्राधिकरण के भी 5000 मामले, पैनल्टी भी लाखों में है बकाया
यहां पर यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि इंदौर विकास प्राधिकरण के भी महानगर में ऐसे लगभग 5000 से अधिक मामले हैं, जहां लीज शर्तों का उल्लंघन किया गया। आवासीय बिल्डिंगों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसके चलते, लीज शर्तों का उल्लंघन किए जाने पर पैनल्टी भी लगाई गई। चूंकि यह पैनल्टी भी अब लाखों रुपए तक पहुंच चुकी है, इसलिए लोग इसे चुका ही नहीं रहे हैं। इस कारण लाखों रुपए का बकाया हो गया है। इस मामले को लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण व्दारा कुछ समय पहले भोपाल प्रस्ताव भी भेजा गया है। बावजूद इसके, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इस वजह से पूरा मामला अधर में ही लटका हुआ है।