सुलेमानी चाय- एक नम्बर के पिच पर दो नम्बर की बिर्राटी…सूरी की छुरी…कबाड़ी की दाल…

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एक नम्बर के पिच पर दो नम्बर की बिर्राटी…

बरसो से आर, के कंपनी का झंडा उठाने वाले और के नाम पर खूब लप्पे सुतने वाले कमाल पठान, और मंजूर विधान सभा एक के आस पास ही रहते हैं। अब ख़ुद कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहे हैं, तो ये कुछ कर नही पा रहे है। या ये कहे कि कोई कुछ करने का कह ही नही रहा है । कमाल साहब की दुकान के चक्कर में जो भूत कमाल दिखा रहे है, वो कमाल साहब का पछा नही छोड़ रहे, जिस वजह से बहुसंख्यक वोटो के भागने का डर है। दूसरी तरफ खुरासन पठान भतीजे संजू के खातिर तबियत खराब किए बैठे है ।वही तीसरे सिरे पर मंजूर बहुत कुछ करना चाहते है, पर कर नही पाते है, टीम और मैनेजमेंट मै थोड़े कमज़ोर है।इसीलिए कैलाश जी ने आराम की सलाह दी है। शायद वेभी जानते है कि आकाश के चुनाव मंजूर की मंजूरी से घर के भी पूरे वोट नहीं मिल पाए थे। और इस पर ज़ुल्म ये भी कि बाहरी मुस्लिम भाजपाई बबलू खान के मैदान पर बिर्राटी घुमा रहे हैं।

सूरी की छुरी…

शहर अल्पसंख्यक कांग्रेस की छोटी छोटी कहासुनी को खाई में बदलने का काम इस बार एक खास छुरी ने कर दिखाया है । विधानसभा चुनाव में जिस तरह अला कमान ने पूरे प्रदेश से सिर्फ दो हि नाम स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल किए है, जो पूरे देश में अल्पसंख्यक इलाको में कोंग्रेस के लिए काम करेंगे वही दूसरी तरफ प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के सबसे बड़े नेता को शहर इकाई का इस तरह नजर अंदाज करने से उनकी सेहत पर तो कोइ फ़र्क नहीं पड़ेगा, लेकिन छुरी के घावों से शहर कांग्रेस जरूर कमजोर पड़ सकती है ।

5 के मैनजमेंट से खजराने के कांग्रेसी नाराज…

खजराने के वार्ड 39, में कांग्रेस की मोहब्ब्त की दुकान की चाबी किसी कांग्रेसी नेता के हाथ में नही है। क्योंकि सत्तू को डर था, की अगर एक को ज़िम्मेदारी दी तो दूसरा खफा हो जाएगा, इसलिए गैर कांग्रेसी को कमान दे दी गई, इससे ये कांग्रेसी तो एक हो रहे हैं। पर कुछ को ये बात नागवार भी गुजर रही है वो पुरा काम अपने हीसाब से करना चाह रहे है, सत्तू को जिताने के लिए नही उन गैर राजीनिति ठेकेदारो को निम्टाने के लिए मगर फिर भी नफरतों पर मोहब्बत भारी है। अगर सब ठीक रहा तो इस बार पांच नम्बर का किला कांग्रेस फतह कर सकती है।

कबाड़ी की दाल…

आख़िर खजराने के कबाड़ी जो कि कांग्रेस से नई नवेली दुल्हन की तरह नाराज हो रहे थे आखिरकार मान मनोव्वल से मान ही गए, लेकिन इस सब मे जिस भोलीभाली जनता ने उनका साथ दिया था वो खुद को ठगा ठगा सा महसूस कर रही है। क्योंकि इस पूरी रूठा फूली में कबाड़ी के कुकर मे तो भरपूर सिटी भी लग गई और दाल भी गल गई, लेकिन जिन लोगों ने कबाड़ी के चक्कर मे कांग्रेस को भला बुरा कह डाला उनका कोई पुरसने हाल नही है, लेकिन जनता भी जनता है वक्तआने पर वो भी कबाड़ी का कबाड़ा कर ही देगी।

मजलिस का मजाक कार्यकर्ता की फजीहत…

ओवैसी की पार्टी ने इंदौर में दो टिकट देकर पहलवान तो उतार दिए मगर शुरू दिन से विधान सभा 5 के प्रत्यासी का मुसीबत पीछा नहीं छोड़ रही पहले बीजेपी के नेताओ के साथ फोटो शोटु ने मुसीबत खड़ी की अब खजराने में धूम धाम से बड़े लीडर की सभा के साथ खुले चुनाव कार्यालय का बीच चुनाव में मालिक का खाली करवाना सोशल मीडिया पर फजीहत कर गया, कार्यकर्ता बेचारा परेशान लोगो को क्या जवाब दे, बस दुआ कर रहा हे कब 17 तारीख हो और पीछा छूटे।

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