इंदौर। कांग्रेस के महू में घोषित उम्मीदवार रामकिशोर शुक्ला को लेकर जहां उषा ठाकुर को राहत हो गई है। हारा हुआ चुनाव एक बार फिर उनकी गोद में पहुंच गया है। रामकिशोर शुक्ला के खिलाफ पुरी कांग्रेस एक साथ खड़ी हो गई है। इसके चलते रामकिशोर को कांग्रेस का ही साथ नहीं मिलेगा।
वहीं दिग्गज नेता भी इस चुनाव से दूरी बनाकर रखेंगे। हार के भय से भाजपा उम्मीदवार उषा ठाकुर इस बार महू से उम्मीदवारी नहीं चाहती थी और उन्होंने इंदौर के क्षेत्र क्रमांक 1 और 3 में प्रयास किये थे, परन्तु वे सफल नहीं हो पाई।
भारी खींचतान के कारण कांग्रेस और भाजपा में दोनों ही उम्मीदवारों का फैसला नहीं हो पा रहा है। भाजपा की स्थानीय इकाई इस बार स्थानीय उम्मीदवार को लेकर पुरी ताकत से जुटी हुई थी ओर भाजपा ने राधेश्याम यादव और कविता पाटीदार के नाम आगे बढाए थे।
साथ यह भी कहा था कि किसी को भी उम्मीदवार बनाए पर वह स्थानीय हो। परन्तु एक बार फिर उषा ठाकुर यहां से अपनी उम्मीदवारी लाने में सफल हो गई। उन्हें मालूम था यह चुनाव अब उनके लिए आसान नहीं होगा। दूसरी ओर पिछले चुनाव में ऐनवक्त पर कांग्रेस का दामन छोडकर भाजपा में शामिल होनेे वाले रामकिशोर शुक्ला समय के साथ फिर कांग्रेस में आ गए। कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने कहा था कि वे भाजपा के पार्षदों के साथ कई पदाधिकारियों को लेकर भी आएंगे।
परन्तु वे अकेले ही आ पाए। अब कांग्रेस में उनको लेकर भारी विद्रोह हो गया है। इसकी कमान अंतरसिंह दरबार ने हाथ में ली है। इसके पीछे सारे कांग्रेसी खड़े हो गए। ऐसे में बैठे बैठाए उषा ठाकुर की लाटरी खुल गई और वे हारी हुई सीट से जीत की कगार पर खड़ी हो गई। अब उन्हें भाजपा के विरोधियों का कोई डर नहीं रहा। महू में पहला चुनाव ऐसा होगा जिसमें शायद नोटा के बटन पर उम्मीदवारों से ज्यादा मत मिलेंगे।