लंबे समय से सियासत की गुमनामी में खोए भूतपूर्व लाल बत्तीधारी एक नेताजी ने शानोशौकत से दोबारा आहट दे दी है। केंद्रीय नेता रहे एक बड़े नेताजी के साथ इन्होंने अपनी नई पारी की शुरुआत का ऐलान किया है। प्रदेश वक्फ बोर्ड से लाल बत्ती का मजा ले चुके नेता जी हालिया बत्तीधारियों के लिए दही की मटकी साथ लिए चल रहे है। मुस्लिम इदारे की अध्यक्षता के नाते कैबिनेट दर्जे के साथ पांच साल गुजार चुके इन नेताजी की वापसी उन्हें खल रही है, जो अब प्रदेश की मुस्लिम सियासत में चित भी मेरा पट भी मेरा, सिक्का मेरे..! की कहावत पर काम कर रहे है। भाजपा के चार कार्यकाल में आपसी खींचतान से जूझते रहे ये नेता पार्टी को कोई सहयोग कर पाएंगे या नहीं, यह कहना तो मुश्किल है लेकिन ये जरूर तय है कि नई आमद और पुरानी जमावट का महा शोर मुस्लिम सियासत में बहुत तेज सुनाई देने वाला है।
चुनावी मेंढक
विधानसभा चुनाव आते ही मुस्लिम इलाको में टर्र-टर्र की आवाजें शुरू हो चुकी है। पांच नम्बर विधानसभा में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर सत्तू पटेल जहां अपने चमचों के साथ जुलूस का स्वागत कर रहे थे। वही स्वप्निल कोठारी भी खजराने की भोली भाली जनता को ए बी सी डी पढ़ाना चाह रहे और दोनों ही अपने पार्षद चुनाव के हरल्ले चम्मचों के साथ खनखनाने को कोशिश कर रहे है। दोनो के साथ खड़े नेता जी खुद के लिये हजार वोट भी नही ले सकते जहा सत्तू के सिक्के निर्दलीय होने पर पांच सात सौ वोट की हैसियत रखते है पर कोंग्रेस के टिकट पर पंद्रह सौ के आस पास इसके बाद कोठारी के पट्टे उनके लिए कितने लक्की साबित होते है ,या खुद की तरह उनका भी कबाड़ा करेंगे इसके लिए थोड़ा इन्तेजार करना पड़ेगा । लेकिन जितने या हारने के बाद दोनों ऐसे गायब होंगे जैसे गधे के सर से सिंग।
बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना
प्रदेश की हॉट सीट में शुमार इंदौर की एक नम्बर विधानसभा में कैलाश विजयवर्गीय के टिकट के बाद से शहर भर के अब्दुल्लाओं की टोली एक नम्बर में डेरा डाले हुए है, जिनमे चार नम्बर के जमीनी जादूगर तीन नम्बर के कुछ चमचों के साथ ही राऊ-महू के नेताओं के साथ कई और भी अब्दुल्ला दीवाने हो चले है । विजयवर्गीय कंपनी के चमचे ही हमेशा उनको नुकसान पहुंचाते हैं इसमें मुस्लिम भाजपाई भी कम नहीं , नासीर शाह, मंजूर एहमद, महफूज़ पठान, अकबर एहमद ने पिछली बार विधान सभा में 3 में आकाश को ख़ूब आकाश दिखाया, विधान सभा 3 के मूल रहवासी कार्यकर्ता को मिलने ही नही दिया, जो वोट कट्टर उषा ठाकुर को अल्पसंख्यक समाज के मिले थे। विजयवर्गीय को भी वे नसीब नहीं हुए अब विधान सभा एक में भी बहारी नेताओ का जमावड़ा शुरू हो गया है। पर आकाश ने साफ़ कर दिया है की कोई भी विधानसभा के बाहर का ना मंजूर है और सारा काम 1 नम्बर में होगा।
अनाड़ी की बल्लेबाजी
किसी भी अच्छे काम को करने के लिए अनुभव, शिक्षा, योग्यता की ज़रूरत होती है। साथ नेक नियत भी जरूरी है । 20 सालो मे जिला वक्फ कमेटी में मोहम्मद आलम, से लेकर नासीर शाह, कांग्रेस नेता अनवर खान, महफूज़ पठान, शकील राज जो डाक्टर, वकील दोनों लगाते हैं। पर इन सभी महाअनुभवियों के सामने महीने भर पहले जिला वक्फ अध्यक्ष बने रेहान ने इंदौर मे दो दिन जो बारिश आई उसमें जमीन पर पूरी वक्फ कमेटियों को साथ लेकर एक काबिले तारीफ कोशिश की है । इसी के साथ नाहरशाह वली के नए सदर डॉ रिजवान ने भी पहली बार दो हजार के नोटो के लिए चंदा पेटी खुलवाई जिसमे शहर के सभी मुस्लिम पत्रकार, समाजसेवी, खजराने के पार्षद के साथ आम जनता को भी बुलाया और आम लोगो से ही पेटी खुलवाई जिससे गड़बड़ी की उम्मीद खत्म होती है । प्रदेश की हर कमेटी को ऐसे ही काम करना चाहिए जिसके लिए जिला कमेटी और नाहरशाह वली कमेटी सुलेमनी सलाम की हकदार है।