अल्पसंख्यक पदों को लेकर जमीनी कार्यकताओं की लगातार नजर अंदाजी ओर विरोध के बाद मोर्चा ओर वक्फ कमेटियों के लिए गौरव बाबू ने अल्पसंख्यक नेताओ के नाम देने के लिये कोर कमेटी बनाई, जिसमे सिंधिया जी के फुदकी मार नेता, वक्फ सम्पत्तियों के इल्जाम झेलने वाले नेता, अल्पसंख्यक मोर्चे को बुलन्दियों पर ले जाने वाले नगर अध्यक्ष के साथ बबलू पठान को जिम्मेदारी दी, लेकिन उनके नामो को नजरअंदाज कर कर्बला के लिए विधनसभा ओर महापौर चुनाव में बीजेपी के खिलाफ काम करने वाले सद्दाम को प्रशंसा पत्र दे दिया गया, साथ ही 4, नम्बर विधानसभा में रहने वाले 70, पार के इजराइल को तीन नम्बर में खान बहादुर के लिए प्रशंसा पत्र दिया गया। जहां सद्दाम को लेकर सुदर्शन के चक्र के साथ पुष्पमित्र की नजरें तिरछी है। साथ मे इजरायल के हिंदुस्तानी मतलब 3, नम्बर के नेता नाराज है। अब देखना है अगले नामो पर कोर कमेटी पर गौर होता है या नहीं।
ना घर के ना घाट के…
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों में मुस्लिम नेताओं की हालत धोबी के कुर्ते जैसी है, बीजेपी में जहा मुस्लिम नेताओं को संगटन में कोई जगह नही मिलती। वही पूरे प्रदेश में एक्का-दुक्का सीट छोड़कर विधानसभा का टिकट भी नही मिलता, अबके निगम चुनाव में तो शहर भर से एक भी मुस्लिम टिकट नही था। अब कांग्रेस को ले ले तो विधानसभा से पूरे प्रदेश से सिर्फ दो तीन टिकट ही मिलते है इस के साथ कोई लाभ का पद नही मिलता। पिछले शहर अध्यक्ष जैन समाज से थे जो कि शहर की अल्पसंख्यक आबादी का 1.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक है, अब नए अध्यक्ष भी अल्पसंख्यक समाज से ही आते है सुरजीत सिह अल्पसंख्यक में जिनके समाज का प्रतिशत भी 2 से 3 प्रतिशत है,इसके साथ अल्पसंख्यक कोटे में 90, प्रतिशत रहने वाले ओर कांग्रेस के लिए थोक बन्द वोट बैंक मुस्लिम समाज को कोई बड़ी जिम्मेदारी नही दी जाती, तो साहब हुए न धोबी के कुर्ते, सभी से निवेदन है कि कुर्ते को कुर्ता ही पड़े।
अपने मुंह मियां मिट्ठू…
लाड़ली बहना के लिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे में पहली बार बहनों के कर्यक्रम में किसी भी मुस्लिम नेत्री को मौका नहीं दिया, फिर भी, जिन्होंने मोर्चे में हॉफ सेंचुरी से ज़्यादा पद महिलाओं दे दिए और जिनके प्रोग्राम में एक दर्जन से ज़्यादा नेता जमा नही होते उन्होने लाड़ली बहना के प्रोग्राम मे महिलाओं से भरी 4 बसों के फोटो अपनी फेसबुक से डाल दिए, अब सब जानते है उस भीड़ के पीछे सरकारी महकमा, आंगनवाड़ी, और हज़ार के नोट की ताकत थी, साथ ही हर वार्ड के झोन प्रभारी को टारगेट की धुनी भी दी गई थी, सो काम बन गया, अब भय्या साहब उन बसों के आगे खड़े रहकर जमी जमाई दुकान का फ़ोटो सोशल मीडिया पर चला के अपने मुंह मियां मिठ्ठू बन कर हंसी का पात्र बन रहे हैं।
खजराने में उड़ता तीर…
खजराने में वार्ड 39, में पार्षद पति ने लगता है उड़ता तीर ले लिया है, अगले चुनाव में अपने लिए एक मजबूत विरोधी भी तैयार कर लिया है, तो साहब के खिलाफ मामूली वोट लाने वाले सलीम पठान को साहब चलते फिरते उंगली कर रहे थे, पिछले माह सलीम के कबाड़ के गोडाउन में आग लग गई पूरे खजराने ने सलीम को हिम्मत बंधाई, लेकिन साहब की उंगली इस बार उड़ता तीर साबित हुई। साहब ने निगम में शिकायत कर सलीम कि दुकान मंगल करा दी, लेकिन इस बार, सोशल मीडिया पर खजराने ने पठान का साथ देकर जहां उनका कद बढ़ा दिया। वही साहब के तबेले में अब खलबली भी मची दी, और हरिरामो में कानाफुसी चल रही है कि, इस बार साहब ने उड़ता तीर ले लिया है।