इंदौर। शहर के भूमाफियाओं से पीड़ितों को भूखंड दिलाने को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी ने कल दूसरे दिन भी सुनवाई जारी रखी। कल फिनिक्स टाउनशीप के परिसमापक अधिकारी और चम्पू अजमेरा के बीच भूखंडों को लेकर बहस भी हुई। चम्पू अजमेरा द्वारा 22 भूखंड धारकों को दिए गए कब्जे और रजिस्ट्री की जानकारी मांगी गई। दूसरी ओर चिराग शाह का पक्ष भी जानने के लिए कमेटी ने उन्हें बुलाया था। वे बेहद कम समय रुककर सुनवाई छोड़कर चले गए। दूसरी ओर हेप्पी धवन ने एक पीड़ित को डायरी से लिए पैसे वापस देने के लिए कमेटी के समक्ष सहमति दी थी परंतु वे नहीं आए। दूसरी ओर चिराग शाह को लेकर एक डायरी पर भी पैसा बकाया होने के मामले में चर्चा नहीं हो पाई। चम्पू अजमेरा ने समिति के समक्ष 5 और लोगों से हुए समझौते के दस्तावेज प्रस्तुत किए। आज चिराग शाह अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे। उन्हें 17 बिंदुओं पर समिति के समक्ष अपना पक्ष देना है। हेप्पी धवन डायरियों की जांच के आदेश के बाद भी सुनवाई में नहीं आ रहे हैं। सबसे ज्यादा जालसाजी और हेराफेरी का मामला कालिंदी गोल्ड में हेप्पी धवन की डायरियों के कारण ही सामने आया है जिसे वे फर्जी बता रहे हैं।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर भूखंड पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस.के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनी कमेटी लगातार डायरियों पर लिए पैसों को लेकर भी गंभीर बनी हुई है। डायरियों पर हस्ताक्षर की जांच शुरू की जा चुकी है। सबसे ज्यादा डायरियों का मामला भूमाफिया हेप्पी धवन का है जो कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री से जुड़े परिवार के सदस्य हैं। दूसरी ओर कल फिनिक्स को लेकर परिसमापक अधिकारी रोमेश सेठ के बयान होने के बाद चम्पू अजमेरा से कमेटी ने बहस करवाई।
इस दौरान चम्पू अजमेरा ने जिन 22 भूखंड धारकों को कब्जा और रजिस्ट्री करवा दी है उसके दस्तावेज पेश करने को कहा। जब तक दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तब तक परिसमापक अधिकारी कार्यालय चले गए। आज फिर उन्हें कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होना है। दूसरी ओर चम्पू अजमेरा को लेकर सुनवाई के दौरान उन्होंने 25 रसीदें और 6 भूखंड धारकों का भी निराकरण करने को लेकर दस्तावेज देते हुए कमेटी के निर्देश पर 5 लोगों के बयान भी समझौते को लेकर करवाए। इस दौरान फिनिक्स टाउनशीप के दो भूखंड धारकों ने यह भी बताया कि उन्हें कम्पनी द्वारा रजिस्ट्री के लिए परिसमापक अधिकारी के पास स्वीकृति के साथ भेजा था परंतु उन्होंने रजिस्ट्री नहीं करवाई है। समझौता करने वालों ने कहा उनकी सहमति से ही समझौता हो रहा है। दूसरी ओर कालिंदी गोल्ड में दो डायरी पर दिए पैसे कल वापस होना थे परंतु हेप्पी धवन जिसे दिलीप नाम के व्यक्ति को डायरी के पैसे देना थे, वे नहीं आए। इधर मृदुल नाम के एक और डायरी पेश करने वाले व्यक्ति को लेकर कालिंदी के वकील ने कहा कि इसे पैसे दिए जाने हैं। happy dhawan
यह कहीं और प्लाट देकर इस मामले का निराकरण किया जाएगा। यह डायरी चिराग शाह को लेकर बताई जा रही थी। आज चिराग शाह समिति के समक्ष 17 बिंदुओं पर अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसमें उन्हें कम्पनी में नियुक्ति से लेकर त्याग पत्र के बारे में जानकारी देनी है। उन्हें यह भी बताना है कि 2007 में फिनिक्स टाउन के नक्शे पर हस्ताक्षर किए, साथ ही किसानों से खरीदी हुई जमीन की रजिस्ट्री भी 2008 में करवाई। 2008 में अनुविभागीय अधिकारी से भूखंड मुक्त कराने को लेकर लिए गए पत्र में उनके हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं। 2007-2008-2009 में भूखंड धारकों को प्राप्त रसीदों पर उनके हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा 2008 और 2009 में नकद वाउचरों पर उनके हस्ताक्षर हैं। champu ajmera
इसके अलावा समिति यह भी जानना चाहेगी कि उनके द्वारा निदेशक पद पर रहते हुए श्वेता शाह के नाम पर भूखंडों की रजिस्ट्री करवाई गई है। उच्चतम न्यायालय द्वारा भी 23 भूखंडों की रजिस्ट्री के निर्देश चिराग शाह को दिए गए हंै। चिराग शाह का पक्ष आज कमेटी के समक्ष पेश होना है। पीड़ितों का कहना है कि यदि हेप्पी धवन की डायरियों का निपटारा होने के साथ चम्पू अजमेरा द्वारा दिए जा रहे प्लाटों के निराकरण के बाद 80 प्रतिशत से ज्यादा भूखंड पीड़ितों को न्याय कमेटी के प्रयास से मिल जाएगा। निश्चित रूप से कमेटी बनाने को लेकर उच्च न्यायालय के यह प्रयास अब सार्थक होते दिखाई दे रहे हैं। कल भी सुनवाई होगी। land mafia