इंदौर। इंदौर के बड़े कारोबारी और जमीनों के मामले में जेल में बंद दीपक मद्दा के पार्टनर इन दिनों दुबई में २५ करोड़ की बैंक ग्यारंटी के मामले में उलझ गये हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए उनके परिजन कल दुबई पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि लगभग १८ साल पहले अरुण गोयल ने दुबई में अगरबत्ती को लेकर एक उद्योग में बड़ी हिस्सेदारी की थी। हालांकि दुबई का कानून बेहद सख्त है और ऐसे मामलों में दुबई की बैंकों को चूना लगाकर भागने वाले को लेकर सजा तक का प्रावधान है। पिछले 12 सालों से दुबई पुलिस अरुण मामा का इंतजार कर रही थी। अब दुबई के कानून के अनुसार अरुण मामा को स्थानीय पासपोर्ट दिया जा रहा है। अभी उनके परिजन साढे तीन करोड़ रुपए जमा कर रहे है। उन्हें स्थानीय शेख ने जमानत दी है। अब उनके आने की अगले कई महीने संभावना नहीं है। अब वे पूरा भुगतान होने तक दुबई ने अपने खर्च से रहेंगे।
अरुण गोयल उर्फ अरुण मामा की ९ जुलाई को शादी की सालगिरह भी थी और इस सालगिरह को मनाने के लिए वे शहर के बड़े भूमाफियाओं के साथ थाईलैंड के फुकेट शहर जा रहे थे इसके लिए उन्होंने टिकट भी करवा लिए थे। अब वे २७ जुलाई तक दुबई में ही रोके गये है। ऐसे में अब उनकी शादी की सालगिरह पर ग्रहण लग गया है।
शहर के बड़े भूमाफिया और ईडी के हिरासत में लिये जाने के बाद गिरफ्तार किये गये दीपक मद्दा के साथ अरुण गोयल एक हजार करोड़ की संपत्ति में बड़े हिस्सेदार है इसमे करतार गृहनिर्माण की डेढ़ लाख वर्गफीट जमीन भी शामिल है जो संस्था के सदस्यों का हक मारकर समता कंस्ट्रक्शन में दीपक मद्दा के साथ हिस्सेदारी में ली गई थी।
इस जमीन को लेने के लिए संस्था के पूर्व संचालक सत्यनारायण राठी और नटवर नागर को भी बाहर कर दिया गया था। अब अरुण मामा पिछले सप्ताह इंदौर के माल के बड़े कारोबारी पिंटू छाबड़ा के साथ दुबई पहुंचे थे और वे यहां तफरी के साथ आनंद मनाना चाहते थे परंतु दुबई में पहुंचते ही विमानतल पर ही दुबई पुलिस ने अरुण मामा को हिरासत में ले लिया और बताया कि उन पर दुबई की बैंक का २५ करोड़ रुपये के कर्ज में ग्यारंटी का मामला दर्ज है। २००७-०८ में यह कर्ज लिया गया था।
इसके बाद नुकसान के चलते मामा और उनके रिश्तेदारों ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी परंतु दस्तावेजों में वे मौजूद रहे इस बीच कंपनी दिवालिया होने के कारण बंद हो गई और कंपनी पर २0 करोड़ रुपये की लेनदारी बकाया रह गई। इस बीच जिन्हें कंपनी दी थी उस परिवार में भी पति पत्नी की मृत्यु हो गई और कंपनी के नये मालिक ने पैसा भरने से इंकार कर दिया था। अब यह देनदारी पूरी तरह से अरुण मामा पर बकाया माना जा रही है। Arun Goyal’s comeback difficult in 20 years old 25 crore dispute
हालांकि अरुण मामा के लिए विदेश मंत्रालय तक से फोन करवाये गये हैं इसके बावजूद भी राहत नहीं मिली है। दूसरी ओर अरुण मामा की शादी की सालगिरह पर करोड़ो रुपये खर्च कर थाईलैंड में पार्टी का आयोजन रखा गया था जिसके लिए शहर के तीस जमीन के बड़े कारोबारियों के टिकट बुक कराये गये थे और उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी, इसमें पिंटू छाबडा से लेकर कई माफिया जाने वाले थे। इस जन्मदिन पार्टी पर करोडों रुपए हवन होना था। अब यह मामला उलझ गया है। दूसरी ओर इस मामले में आयकर विभाग के भी कान खड़े हो गये हैं और वह यह देख रहा है कि उन्होंने अपने आयकर रिटर्न में इस बात की जानकारी दी थी या नहीं कि वे विदेश में भी पैसा निवेश कर रहे हैं।दोनो विभाग अब बेसर्बी से अरुण मामा के आने का इंतजार कर रहे है।