सुलेमानी चाय: बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले…परिवार के तो वोट तो दिला दो…बड़ी कुर्बानी में बड़े खेल…

सुलेमानी चाय

 

बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले…

पिछले दिनों दो दो कुर्सियों पर कुंडली मारकर बैठे मोर्चा अध्यक्ष की रवानगी हो ही गई, हुई तो हुई लेकिन जिस तरीके से हुई वो बड़ा अफसोसनाक रहा , तो साहब हुआ यूं की हीत्यानंद शर्मा ने जब नए प्रदेश अध्यक्ष को एजाज से नवाजा तब रफत से झूठ-मूट में भी पूछना मुनासिब नही समझा, इसी के साथ जब नियुक्तिपत्र दिया तब बभी साहब को दूर रखा, हमारे हिसाब से साहब ने मोर्चे के लिए इतना बुरा भी नही किया, जो इस तरह से रवानगी की गई। खैर साहब अब हज में अपने काम के ऐसे झंडे गाड़ेंगे कि आने वाली नस्ले याद रखेंगी और हमारी दुवा है कि और ऊंचे पदों पर जाए, लेकिन पिछली जगह से ऐसे नही निकाले जायं। funny political news

परिवार के तो वोट तो दिला दो…

पिछले दिनों गौरव बाबू ने बीजेपी के बड़े-बड़े अल्पसंख्यक नेताओं को छोटी-छोटी बाते समझाई, जिनमे बबलू खान, नासिर शाह, शेख असलम, ओर कलीम खान को बंद कमरे में बड़ी ही प्यार से समझाया कि भाई क्या बीजेपी के नाम पर झांकी मंडप ही बांधते रहोगे या कुछ काम भी करोगे आपके इलाको से बीजेपी को अपने परिवार के ही वोट दिला दिया करो ,लेकिन बेचारे अपना दुखड़ा किसे सुनाए, बीजेपी के लिए वोट मांगने जाने पर उन्हें लोग पीठ पीछे क्या-क्या लक़ब से नवाजते है। खैर सुलेमनी चाय वाले कि दुवाये इनके साथ है, कि आगे भी गौरव बाबू इन्हें बन्द कमरे में ऐसे ही प्यार और दुलार से समझाए।

Also Read – सुलेमानी चाय: नमाज के चक्कर मे रोजे न गले पड़ जाए….मोर्चे के दोनों नासिर मोर्चे से दूर

बड़ी कुर्बानी में बड़े खेल…

बकरीद करीब है, हर शख्स अपनी हैसियत के हिसाब से सुन्नते इब्राहिम पर अमल कर के अल्लाह के सामने अपनी कुर्बानी पेश करना चाहता है । लेकिन कुछ या बहुत कुछ मदरसे अपनी जेबें भरने के चक्कर मे 2700 में हिस्सा दे कर सस्ते से सस्ती कुर्बानी ढूंढ़ रहे है , क्या 18900 मिलने के बाद 13 से 14 हजार की कुर्बानी ढूंढना सही है, भले ही उसमे मकबूल होने की शरई वुजूहात पूरी हो रही हो या नहीं, ये सही नही, इस बार सुलेमानी चाय वाला मदरसों से कुर्बानी को लेकर ईमानदारी बरतने की गुजारिश करना चाहता है। funny political news

पाकीज़ा के पानी पर पार्षद का पेंच…

इस्लाम मे पानी पिलाना कितना बड़ा सवाब का काम है, लेकिन कुछ लोग अपने फायदे के लिये खुद को हश्र में यजीद के साथ देखना चाहते है। मामला खजराने में पाकीज़ा के पानी को लेकर सामने आ रहा है जिसमे पाकीज़ा को नर्मदा का पानी पिलाने के लिए पहले जिम्मेदार खुद गले गले तक नहाना चाहते है, जिसे लेकर पाकीज़ा वालों का सेटलमेंट नही हो पा रहा। इन दोनों के पचड़ों में बेचारे लोगों का नुकसान हो रहा है, साथ ही पाकीज़ा रहवासी संघ का कहना है कि, शादाब गोरी मिलने को तैयार नहीं, अगर उन्हें जिम्मेदारों को नहलाने में दिक्कत है तो हम चंदा कर जनसहयोग से टेंकर का इंतेजाम कर देंगे जिसमे सभी जिम्मेदार गले गले तक नहा सके।
९९७७८६२२९९

You might also like