नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर में नकली दवाओं के कारोबार पर लगाम कसने को लेकर सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने दवा बनाने वाली कंपनियों की जांच का काम शुरू किया है।
इसी के साथ फॉर्मा कंपनी में नकली दवाओं का या गुणवत्ताविहिन दवाओं का कामकाज मिला तो 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और दवा कंपनी सील करने तक का प्रावधान नए नियमों में कर दिया है।
इसी के साथ हिमाचल और मध्यप्रदेश की कई दवा कंपनियों में जांच की जा रही है। (10 lakh fine will be sealed if drug companies are caught in the investigation ) उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीय सिरप से बच्चों के मरने की शिकायत के बाद कई दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इधर दवा कंपनियों को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है कि भारतीय दवा कंपनियों के नाम पर चीन से नकली दवाएं बनाकर उसी नाम से गरीब देशों में भेजी जा रही है, ताकि चीनी दवाओं का कारोबार चलता रहे।
भारत सरकार ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अलावा राज्यों के अधिकारियों को लेकर बड़े पैमाने पर जांच का काम शुरू किया है।
नकली दवाओं के निर्माण को रोकने के लिए यह निगरानी अभियान हिमाचल से शुरू होकर मध्यप्रदेश तक पहुंच गया है। इसके तहत इंदौर के अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में स्थित दवा कंपनियों की जांच शुरू कर दी गई है। 10 lakh fine will be sealed if drug companies are caught in the investigation
दवा कंपनियों में नकली दवाओं या स्तरहीन दवाओं का उत्पादन मिलने पर 10 लाख रुपए जुर्माना और फॉर्मा कंपनी सील करने का काम किया जाएगा। देशभर में संचालित न्यूट्रा सिटिकल कंपनियां जो अतिसुरक्षा के बीच ड्राई इंजेक्शन बनाती है, इन इंजेक्शन को बड़ी सुरक्षा और गुणवत्ता के साथ बनाया जाता है।
इनमें बाल के 50वें हिस्से का भी कण पहुंचता है तो मरीज की जान पर खतरा पैदा हो सकता है। इन सभी कंपनियों की जांच के बाद जहां कमी पाई गई है उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं।