Property Fraud: प्लाटों के नाम पर बनाई गई डायरियों को कूटरचित दस्तावेज मानना चाहिए

हैप्पी धवन और चंपू अजमेरा खेल रहे हैं कमेटी से, फिर समय बढ़ाने का प्रयास

Property Fraud: Diaries made in the name of plots should be considered as forged documents
Property Fraud: Diaries made in the name of plots should be considered as forged documents

इंदौर। कल शहर के कुख्यात भूमाफियाओं के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए गठित की गई कमेटी में बयान के बाद अब उच्च न्यायालय ने कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। माना जा रहा है एक बार ओर कमेटी को समय दिया जा सकता है।

हालांकि पीड़ितों को अब न्याय की उम्मीद कम दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि कमेटी ने जिस तरीके से भूखंड के पीड़ितों को प्लाट के बजाए ब्याज देने का प्रस्ताव दिया है वह पूरी तरह अव्यवहारिक है।

तीस साल में जमा पैसे पर जोड़ा गया ब्याज अधिकतम दस लाख रुपये तक ही होगा। जबकि प्लाट की कीमत पचास लाख रुपये से ऊपर तक जा चुकी है। इधर डायरियों पर बेचे गये भूखंडों के मामले में पूर्व तात्कालिन कलेक्टर मनीष सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डायरियों पर प्लाट बेचने वाले दलालों को जेल तक पहुंचाया है। उन्होंने इसे भूखंड खरीदने वाले सदस्य के साथ धोखाधड़ी मानते हुए कूटरचित दस्तावेज माना था और इसी आधार पर कई दलाल और कॉलोनाइजर जेल पहुंचाये गये थे।

इधर कमेटी इन डायरियों को महत्व नहीं दे रही है। भूमाफिया हैप्पी धवन छह करोड़ रुपये से अधिक की डायरियों पर खुद हस्ताक्षर कर पैसा ले चुके है अब उन्हें नकली बता रहे हैं। इन डायरियों पर हस्ताक्षर की जांच कराई जाना चाहिए।

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जालसाजी और हेराफेरी के सबसे ज्यादा मामले चंपू अजमेरा और हैप्पी धवन के खाते में जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय से ९० दिन में प्लाट देने और सभी निराकरण करने का आश्वासन देने के बाद जमानत पर छूटे भूमाफिया अब अदालतों से ही खेल रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि चंपू अजमेरा कमेटी के सामने भी अपराधी की तरह नहीं राजाओं की तरह रहते हैं। कल रमेश मित्तल जिन्हें लेकर चंपू अजमेरा अपना पाटर्नर बता रहे है उनके भी बयान हुए।

रमेश मित्तल ने कहा कि उन्होंने जमीन गिरवी रखकर पैसा दिया था। पैसा आने के बाद उनका कोई लेना देना नहीं है। चंपू अजमेरा अकारण उलझा रहा है। इधर हैप्पी धवन के द्वारा बनाई गई डायरियों में २१ डायरियां शीलू जैन के नाम से बनी हुई थी तो वहीं २१ और डायरियां एक सब इस्पेक्टर के नाम पर भी बनी हुई हैं। Property Fraud: Diaries made in the name of plots should be considered as forged documents

यह इस्पेक्टर पहले तुकोगंज में था बाद में विजयनगर पर पदस्थ हो गया था। ऐसी २०० से अधिक डायरियों पर हैप्पी धवन के हस्ताक्षर बताये जा रहे हैं। चंपू अजमेरा की फिनिक्स और सेटेलाइट हिल्स में सबसे ज्यादा शिकायतें प्लाट नहीं देने की है।

इस दौरान यह भी बताया गया कि सेटेलाइन हिल्स में चंपू फिर से प्लाट बेच रहा है । दूसरी ओर पीड़ितों का कहना है कि उच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी के फैसलों से शहर के माफियाओं के लिए एक नई नजीर बन जायेगी। Property Fraud

एक हजार से अधिक लोग शहर में डायरियां लेकर घूम रहे हैं यदि ऐसा होगा तो कई जमीनों के जालसाज नियत खराब करने का काम शुरु कर देंगे और उदाहरण के रुप में समिति के फैसले को आगे रखेंगे।

इस मामले में पीड़ितों का कहना है कि यदि भूमाफिया भूखंड नहीं दे तो सभी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे अलग अलग दर्ज होने चाहिए ताकि आगे का जीवन अदालतों में ही बीते।

 

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