इंदौर। एक ओर जहां नगर निगम दो दौर में १८० से अधिक अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरु कर चुकी है। शहर में अभी भी २०० से अधिक कॉलोनियां कतार में लगी हुई है परंतु दूसरी ओर अब इन अवैध कॉलोनियों को काटने वाले लोगों पर भी नगर निगम कार्रवाई करने जा रहा है। ८१ कॉलोनियों की जांच में १९८ लोगों को दोषी पाया गया जिन्होंने इस अवैध कॉलोनी को काटने में अहम भूमिका निभाई। इन पर प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। दूसरी ओर नगर निगम अब ११२ और लोगों को अवैध कॉलोनी काटने के मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने जा रहा है। एक आंकड़े के अनुसार शहर में ९०० से अधिक कॉलोनियां काटी गई है इनमे से बड़ी तादाद में सरकारी जमीन का उपयोग कर चुकी है।
नगर निगम कॉलोनी सेल की जानकारी के अनुसार अब ११२ और अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर दस्तावेजों की जांच की जा रही है परंतु इसी के साथ इन कॉलोनियों को काटने वाले अपराधियों को पर भी मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग थानों में यह मुकदमे दर्ज होंगे। कॉलोनी सेल ने अपने यहां के ब्लाक ऑफिसर को अपराधियों की सूची सौंप दी है। साथ ही पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने के बाद नगर निगम को सूचित कराने के लिए भी कहा गया है ताकि कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो सके। अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर बनाये गये नये कानून में अवैध कॉलोनी काटने वाले लोगों पर पहले प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ ११२ और कॉलोनियों की सूची भी सार्वजनिक की जा रही है ताकि दावे आपत्ति को लेकर पंद्रह दिन में सुनवाई करने के बाद इनके लिए कार्रवाई प्रारंभ हो सके। उल्लेखनीय है कि नये नियम के अंतर्गत कॉलोनी विकास अधिनियम २०२१ के तहत नगर निगम ३१ दिसंबर २०१६ के पहले अस्तित्व में आई कॉलोनियों को वैध कर रहा है। कॉलोनी वैध होने की फाईल में कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर संलग्र करना होगी। नगर निगम कॉलोनी सेल ने पिछले दिनों १९६ लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाई है और ११२ पर और दर्ज होना है। उल्लेखनीय है कि शहर में ९०० से अधिक अवैध कॉलोनियां कटी है जिनमे से २५० अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
विकास शुल्क देने कोई नहीं आया
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया को पंद्रह दिन से अधिक हो चुके हैंइनमे ८१ कॉलोनियों की सूची जारी की गई थी इसके पूर्व ११२ कॉलोनियों की सूची भी जारी की गई थी। दोनों ही सूची जारी होने के बाद इन अवैध कॉलोनियों में से एक भी रहवासी विकास शुल्क का पैसा जमा कराने नगर निगम नहीं आया। कॉलोनियों के लेआउट आनलाइन नक्शा पास कराने के लिए सर्वर भी लोड कर दिया गया है।
अलग अलग दर तय
वैध की गई कॉलोनियों के लिए कॉलोनी सेल ने विकास शुल्क की राशि प्रतिवर्ग मीटर के हिसाब से तय कर दी है जो अलग अलग क्षेत्रों की कॉलोनियों के हिसाब से अलग अलग है। विकास कार्य पर कुल खर्च का ८० प्रतिशत नगर निगम स्वयं वहन करेगा जबकि २० प्रतिशत राशि ही मकान में रहने वाले को देनी होगी।